न डरे, वो लिखते थे बेबाक, ऐसे थे महाकवि दुष्यंत कुमार। न डरे, वो लिखते थे बेबाक, ऐसे थे महाकवि दुष्यंत कुमार।
व्याकरण के बन्धनों से हटकर भी कविता का एक जीवन है। उसी का दर्शन आप यहाँ कर पाएंगे। कविता की कहानी कु... व्याकरण के बन्धनों से हटकर भी कविता का एक जीवन है। उसी का दर्शन आप यहाँ कर पाएंग...
इन मासूमों ने भी अपने नन्हें कोमल पैरों को और जहरीले पौधों से उधार लेकर अपने रंगीन पंखों को बना लि... इन मासूमों ने भी अपने नन्हें कोमल पैरों को और जहरीले पौधों से उधार लेकर अपने रंग...
इस/जंगल के/दरख्तों से/क्यों पूछते हो/खैरियत----। इस/जंगल के/दरख्तों से/क्यों पूछते हो/खैरियत----।
हिंदी काव्य मेंअंग्रेजी को शामिल करने वाले कवियों पे कटाक्ष ॥। हिंदी काव्य मेंअंग्रेजी को शामिल करने वाले कवियों पे कटाक्ष ॥।
"तन्हाई" अक्सर श्रृंगार का विषय माना जाता रहा है , परंतु इसे ओज का रूप दे पाने का एक छोटा सा प्रयास ... "तन्हाई" अक्सर श्रृंगार का विषय माना जाता रहा है , परंतु इसे ओज का रूप दे पाने क...